Highway Authority ने Jaipur LPG Tanker हादसे के लिए क्लोवरलीफ रोड की अनुपस्थिति को ठहराया जिम्मेदार।
Highway Authority ने अपनी प्रारंभिक जांच में कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण JDA(Jaipur Development Authority) और पुलिस की सहमति से भारी वाहनों को U-Turn लेने के लिए एक छोटा रास्ता खोला गया था।

जयपुर में एलपीजी टैंकर धमाके से हुई भीषण आग में 14 लोगों की मौत के बाद, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण NHAI(National Highways Authority of India) ने सरकार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है, जो घटना की शुरुआती जांच के बाद तैयार की गई है।
NHAI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि Jaipur-Ajmer Highway पर जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां क्लोवरलीफ रोड नहीं है, जिसके वजह से यु-टर्न लेने वाली गाड़ियों को मेन हाईवे पर ही मुड़ना पड़ता है, इसलिए हो सकता है यही घटना का मुख्य कारण हो।
Jaipur Development Authority के रिपोर्ट में कहा गया कि जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) और पुलिस की सहमति से भारी वाहनों के लिए यू-टर्न लेने के लिए एक छोटा रास्ता खोला गया था, क्योंकि इस रास्ते में बिना रुकावट के यातायात के लिए कोई क्लोवरलीफ रोड नहीं था।
क्लोवरलीफ रोड (cloverleaf road) दो या दो से अधिक सड़कों के बीच का एक जंक्शन है, जो सड़कों के बीच बिना क्रासिंग के यातायात को आसानी से बनाए रखता है। इसका डिज़ाइन तिपतिया घास के पत्ते की तरह होता है और इसमें underpass, fly-over और loop up-down होते हैं।
इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) पर आमतौर पर बिना किसी crossroad के यू-टर्न की सुविधा नहीं होती, क्योंकि यह ज्यादा स्पीड से चल रहे गाड़ियों के लिए बड़े खतरे का कारण बनता है।
NHAI के Project Director Ajay Arya ने बताया कि JDA (Jaipur Development Authority) और Traffic Police की आपसी मंजूरी के बाद रास्ता खोला गया और यातायात को divert किया गया। यह रास्ता 30 मीटर तक चौड़ा है, लेकिन जब बड़े वाहन मुड़ने की कोशिश करते हैं तो सड़क की चौड़ाई कम पड़ जाती है। इस कारण से, हमने दोनों ओर सड़क की चौड़ाई छह लेन से बढ़ाकर दस लेन कर दी है, ताकि भारी वाहनों के मुड़ने पर वाहन की आवाजाही पर कोई असर न हो।
NHAI (National Highway Authority of India) ने यह भी कहा कि जयपुर-अजमेर हाईवे पर जो u-turn खोला गया है, उसका उद्देश्य अजमेर से जयपुर की ओर आ रहे भारी यातायात को रिंग रोड की ओर Divert करना है।
Kamal Arora ने यह भी कहा कि यह रास्ता इसलिए खोला गया है क्योंकि अभी रिंग रोड पर कोई क्लोवरलीफ रोड नहीं है। हमने उस फर्म को जो क्लोवरलीफ रोड का ठेका लिए हुए है, इसे जल्द और प्राथमिकता से पूरा करने का निर्देश दिया है।
राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने Rajasthan Government से यह जवाब मांगा है कि क्लोवरलीफ रोड का निर्माण क्यों रोक दिया गया है और इसके साथ ही इस घटना के लिए कौन असली जिम्मेदार है।
दूसरी ओर, Rajasthan State Government ने NHAI की रिपोर्ट में दी गई सलाह के अनुसार, दुर्घटना स्थल के पास 24 घंटे पुलिस कर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है।
इस बीच, सड़क सुरक्षा पर Supreme Court समिति ने राजस्थान के मुख्य सचिव को घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक उच्च-स्तरीय committee का गठन किया गया है, जो हादसे के सभी पहलुओं की जांच करेगी, जिसमें सड़क के निर्माण की जांच भी शामिल है।
शुक्रवार को, जयपुर-अजमेर हाईवे पर एक एलपीजी टैंकर ने ट्रक से टक्कर मारी, जिससे बहुत भयानक आग लग गया, इस आग ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया, और करीब 37 गाड़ियां आग में जलकर खाक हो गईं। इस धमाके में 14 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवां दी और 30 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए।
Supreme court ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी, 2025 को होगी।
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?






