जयपुर टैंकर धमाके के बाद आग की लपटों में घिरा व्यक्ति मदद के लिए 600 मीटर तक चला, लोग बनाते रहे वीडियो

राधेश्याम चौधरी के भाई का कहना है कि उनके भाई सड़क पर दर्द से तड़पते हुए मदद की गुहार लगा रहे थे, मगर लोग तमाशबीन बने वीडियो बनाने में व्यस्त थे।

दिसंबर 23, 2024 - 22:14
जनवरी 5, 2025 - 22:55
जयपुर टैंकर धमाके के बाद आग की लपटों में घिरा व्यक्ति मदद के लिए 600 मीटर तक चला, लोग बनाते रहे वीडियो


एक मोटर मैकेनिक ने शुक्रवार को Jaipur-Ajmer Highway पर हुए गैस टैंकर धमाके के बाद आग की लपटों में घिरा हुआ मदद की तलाश में लगभग 600 मीटर तक पैदल चलकर गुहार लगाई, मगर लोग चुपचाप देखकर वीडियो बनाते रहे।

32 वर्षीय राधेश्याम चौधरी National Bearings Company Limited में मोटर मैकेनिक के रूप में काम करते थे। वह शुक्रवार सुबह अपनी मोटरसाइकिल से घर से निकले थे। हादसे के बाद सामने आए दृश्य दिखाते हैं कि आग में झुलसा हुआ यह आदमी मदद के लिए कितना छटपटा रहा था।

सुबह करीब 5:50 बजे एक अनजान व्यक्ति ने राधेश्याम चौधरी के भाई अखेराम को फोन कर हीरापुरा बस टर्मिनल आने को कहा, क्योंकि उनके भाई मुसीबत में थे, अखेराम दो पड़ोसियों के साथ तुरंत वहां पहुंचे।

अखेराम ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मेरा भाई सड़क पर पड़ा था। लोगों ने बताया कि वह धमाके की जगह से लगभग 600 मीटर पैदल चलकर आया था। वह मदद के लिए चिल्ला रहा था, लेकिन ज्यादातर लोग मदद करने के बजाय वीडियो बना रहे थे।

अखेराम और उनके दो पड़ोसियों ने राधेश्याम चौधरी को एक कार में अस्पताल पहुंचाया, क्योंकि अफरातफरी के बीच एंबुलेंस का इंतजार करना बेकार होता। उनके अनुसार, राधेश्याम रास्ते में होश में थे और उन्होंने उन्हें सारी घटना बताई, जिसमें उस अजनबी का जिक्र भी किया जिसने अखेराम को फोन कर सूचित किया था, और अंततः राधेश्याम भी दम तोड़ दिए।

राधेश्याम ने अपने भाई को उस घटना के बारे में सबकुछ बताया कि जमीन को हिला देने वाला धमाका और हर चीज़ को अपनी चपेट में लेने वाली आग की लपटें कैसे फैली थीं।

राधेश्याम ने अपनी बाइक छोड़ दी और आग से बचने के लिए भागने की कोशिश की, लेकिन लपटों ने उन्हें घेर लिया। इसके बावजूद, उन्होंने किसी तरह एक व्यक्ति तक पहुंचकर अपने भाई को कॉल करवाया।

मोटर मैकेनिक को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका भाई आशा कर रहा था कि वह इस हादसे से बच जाएगा, लेकिन प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था।
उनके भाई ने कहा हमें लगा था कि वह बच जाएगा, लेकिन 85% जलने के बाद उसकी जीवित रहने की उम्मीद एक डोर की तरह टूट गई।

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